परिवर्तिनी एकादशी व्रत 2025: तिथि, महत्व और पूजा विधि - Sanatan Hindu

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बुधवार, 3 सितंबर 2025

परिवर्तिनी एकादशी व्रत 2025: तिथि, महत्व और पूजा विधि

अगर आप जानना चाहते हैं की परिवर्तिनी एकादशी 2025 कब है? तो यह पोस्ट आपके लिए ही है। हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत बहुत ही पुण्यदायी माना जाता है। हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को परिवर्तिनी एकादशी कहा जाता है। इसे पद्मा एकादशी या जलझूलनी ग्यारस भी कहा जाता है।


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इस  वर्ष 2025 में Parivartini Ekadashi  शनिवार, 6 सितंबर 2025 को Start हो रहा है ।

  • एकादशी तिथि प्रारंभ होगा : 6 सितंबर 2025, प्रातः 03:35 बजे से
  • एकादशी तिथि समाप्त हो जायेगा : 7 सितंबर 2025, प्रातः 01:40 बजे तक
  • पारण का समय (व्रत खोलने का समय): 7 सितंबर 2025 को  प्रातः 06:00 से 08:30 बजे के बीच


परिवर्तिनी एकादशी का महत्व

धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस एकादशी को भगवान विष्णु क्षीरसागर में शयनावस्था से करवट बदलते हैं।    इसलिए इसका नाम परिवर्तिनी एकादशी पड़ा।


  1. इस दिन जो भी व्यक्ति परिवर्तिनी एकादशी का व्रत रखता है उनके पापों का नाश होता है।
  2. भगवान विष्णु की कृपा से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
  3. विष्णु पुराण के अनुसार इस व्रत से समस्त कष्ट दूर होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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परिवर्तिनी एकादशी व्रत कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, त्रेतायुग में एक राजा बलि ने कठोर तप करके भगवान विष्णु को प्रसन्न कर लिया। भगवान ने उन्हें वरदान दिया लेकिन उनकी बढ़ती शक्ति से देवता भयभीत हो गए। तब भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेकर राजा बलि को पाताल लोक में भेज दिया और वहीं रहने लगे।

देवताओं की प्रार्थना पर भगवान ने आश्वासन दिया कि वे चार महीने बाद देवशयनी से देवप्रबोधिनी तक पाताल में रहेंगे और फिर वैकुंठ लौटेंगे। भगवान विष्णु के करवट बदलने का यह पर्व परिवर्तिनी एकादशी कहलाया।


परिवर्तिनी एकादशी पूजा विधि

  1. सुबह स्नान करके साफ कपड़े पहनें।
  2. घर के मंदिर को साफ कर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
  3. तुलसी, धूप, दीपक, चंदन और पीले फूल से पूजन करें।
  4. श्री हरि विष्णु को पंचामृत से स्नान कराएं और भोग अर्पित करें।
  5. पूरे दिन व्रत रखें और “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें।
  6. शाम को भगवान विष्णु की आरती करें और कथा सुनें।
  7. अगले दिन पारण समय पर व्रत खोलें।


परिवर्तिनी एकादशी व्रत के नियम

  • इस दिन सात्विक भोजन का पालन करना चाहिए।
  • ब्रह्मचर्य का पालन करें और गलत विचारों से दूर रहें।
  • तुलसी दल और शंख का प्रयोग पूजन में अवश्य करें।
  • झूठ बोलने और क्रोध करने से बचें।
  • जरूरतमंद को दान देना शुभ माना जाता है।


परिवर्तिनी एकादशी व्रत 2025 एक अत्यंत शुभ अवसर है। इस दिन भगवान विष्णु की आराधना करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। साथ ही यह व्रत मोक्ष का मार्ग भी प्रशस्त करता है।


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

Q1. परिवर्तिनी एकादशी 2025 कब है?

👉 शनिवार, 6 सितंबर 2025 को।


Q2. परिवर्तिनी एकादशी को और किस नाम से जाना जाता है?

👉 पद्मा एकादशी और जलझूलनी ग्यारस।


Q3. परिवर्तिनी एकादशी का क्या महत्व है?

👉 इस दिन भगवान विष्णु करवट बदलते हैं, व्रत से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।


Q4. इस व्रत में किन नियमों का पालन जरूरी है?

👉 सात्विक आहार, भगवान विष्णु की पूजा, तुलसी का प्रयोग और ब्रह्मचर्य का पालन।


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